Considerations To Know About treatment of piles in pregnancy

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अर्जुन की छाल का काढ़ा बवासीर में खून आने को रोकने के लिए प्रभावी है।

पाइल्स के लिए निम्नलिखित संभावित जोखिम कारक हैं जो किसी व्यक्ति को रोग विकसित होने की अधिक संभावना में डाल सकते हैं:

पाइल्स के लक्षण की गंभीरता हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं लेकिन मुख्य कारण है:

अगर एक बार ये हो जाए, तो बार बार यह परेशान कर सकती है. ऐसे में अगर आप इससे छुटकारा चाहते हैं तो बातों को ध्‍यान में रखना जरूरी है. पुणे के कोलोरेक्टल डिज़ीज़ स्पेशलिस्ट डॉ. सम्राट जांकर बताते हैं कि पाइल्स में राहत पाने और सूजन कम करने के लिए कई घरेलू उपाय हैं जो कारगर साबित हो सकते हैं. तो चलिए जानते हैं इन उन उपायों के बारे में.

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पाइल्स से राहत पाने के लिए खाना सबसे अहम है. डाइट में खूब सारी हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और दालें शामिल करें.

बवासीर के लक्षण इसकी गंभीरता और प्रकार के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

बैठकी स्नान लें, जिससे मस्सों की सूजन कम होती है।

पुरानी कब्ज: पुरानी कब्ज के मरीजों को मल त्यागने में अधिक जोर लगाना पड़ता है। इससे नसों में दबाव पड़ने के कारण बवासीर हो सकता है।

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आपको बवासीर होने की अधिक संभावना तब होती है यदि आप:

रोजाना सुबह खाली पेट आंवला का रस या त्रिफला चूर्ण गर्म पानी के साथ लें। यह पाचन को दुरुस्त करता है और मल त्याग को आसान बनाता है।

मल त्यागने के बाद मस्से अपने से ही अन्दर चले जाते हैं। गंभीर अवस्था में यह हाथ से दबाने पर भी more info अन्दर नहीं जाते। इस तरह के बवासीर का तुरंत उपचार कराएं। 

कब्ज भी बवासीर का एक प्रमुख कारण है। कब्ज में मल सूखा एवं कठोर होता है, जिसकी वजह से व्यक्ति को मलत्याग करने में कठिनाई होती है। काफी देर तक उकड़ू बैठे रहना पड़ता है। इस कारण से वहां की रक्तवाहिनियों पर जोर पड़ता है, और वह फूलकर लटक जाती है, जिन्हें मस्सा कहा जाता है।

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